Poems on rain in hindi capture the magic of rainfall in verses that dance like droplets. These heartfelt “Poems On Rain In Hindi” artfully express the joy of the season, blending emotions with the soothing sound of rain. Immerse yourself in these simple yet enchanting Hindi poems, celebrating the beauty of a rainy day.
Rain poem in Hindi captures the magic of showers in heartfelt verses. In this delightful बारिश पर कविता, the language dances like droplets, portraying the monsoon’s charm. These simple yet enchanting Hindi poems beautifully express the joy and beauty of rainfall, making each verse a celebration of the rainy season.
Poems on Rain in Hindi – छम-छम बूँदे बरखा की
छम-छम बूँदे बरखा की
लेकर आई है संगीत नया
हरियाली और प्रेम का
बना हो जैसे गीत नया
मनभावन-सा लगे हैं सावन
हर चितवन हो गई है पावन
मेघों ने मानों झूमकर
धरती की प्यास बुझाई है
खेलकर खेतों में
फैलकर रेतों में
मतवाली बरखा आई है
संग अपने
त्यौहारों की भी
खुशहाली वो लाई है
स्मिता प्रसाद दारशेतकर
Poetry on Rain in Hindi – कैसे करूँ मैं स्वागत तेरा बता ओ बरखा रानी
कैसे करूँ मैं स्वागत तेरा बता ओ बरखा रानी
घर की छत गलती है जब-जब बरसे पानी
बारिश में लगता है मौसम बड़ा सुहाना
बूँद-बूँद ताल बजाए पंछी गाएँ गाना
मैं सोचूँ, कैसे चूल्हे की आग जलानी
ठंडी-ठंडी बौछारें हैं पवन चले घनघोर
बादल गरजे उमड़-घुमड़ नाचे वन में मोर
मन मेरा सोचे, कैसे गिरती दीवार बचानी
इंद्रधनुष की छटा बिखेरी बरसा पानी जम के
पाँवों में नूपुरों को बाँधे बरखा नाची छम से
मैं खोजूँ वो सूखा कोना जहाँ खाट बिछानी
प्रकृति कर रही स्वागत तेरा कर अपना शृंगार
पपीहे ने किया अभिनंदन गा कर मेघ मल्हार
मैं भी करता स्वागत तेरा भर अँखियों में पानी
आ जा ओ बरखा रानी!
आ जा ओ बरखा रानी!
हेमंत रिछारिया
बारिश पर कविता – सावन में तन मन जलाए
सावन में तन मन जलाए
हाय रे बेदर्दी साजन!
तेरे बिन जिया न जाए
हाय रे बेदर्दी साजन!
धरती प्यासी आँगन प्यासा
रीत गई हर अभिलाषा
दर्द बढ़ा कर क्या सुख पाए
हाय रे बेदर्दी साजन!
बदरा बरसे कण-कण हरसे
हरी-हरी हरियाली सरसे
तू क्यों मेरी जलन बढ़ाए
हाय रे बेदर्दी साजन!
सुन ले मेरी कातर मनुहारें
कभी तो आ भूले-भटकारे
अब तो हाय अंग लगा ले
हाय रे बेदर्दी साजन!
प्रीत की रीत वही पुरानी
तू क्या जाने ओ अभिमानी
राधा को क्या कपट दिखाए
हाय रे बेदर्दी साजन!
प्रिया सैनी
Rains Poems in Hindi – ये बारिश की बूँदें
ये बारिश की बूँदें
इतना शोर क्यों मचा रही हैं?
या किसी के दिल का
हाल सुना रहीं हैं ?
अहसास जो कह ना पाए कोई,
इतना ही पावन और शीतल है,
जो मन में तूफ़ान मचा रहा है,
इन्हीं बारिश की बूँदों की तरह,
वो भी बरसाना चाहता है
पर बरस ना पता है,
गर बरसेगा तो
ऐसे ही ज़ोर से बरसेगा,
शोर मचाएगा, और अंत में
खुशी भी पाएगा!!
आस्था
Rain Poem in Hindi – सावन आयो रे, आयो रे,
सावन आयो रे, आयो रे,
सावन आयो रे।
उमड़-घुमड़ कर कारी बदरिया
जल बरसायो रे।।
मेंहदी वाला रंग रचाकर
सखियां झूला झूलें
पांव की पायल कहती है
कि उड़ते बादल छू लें
पीउ-पीउ कर के पपिहा ने
शोर मचायो रे,
सावन आयो रे।
सर-सर-सर-सर उड़े चुनरिया
हवा चले सन-सन-सन
रिमझिम-रिमझिम बरसे पानी
भीगे गोरिया का तन
सब सखियन ने मिलकर
राग मल्हार सुनायो रे,
सावन आयो रे।।
बहका-बहका मौसम है
ऋत पिया मिलन की आई
सब सखियाँ मिल तीज मनावें
हरियाली है छाई
जिसके पिया परदेस बसे
चिठिया भिजवायो रे,
सावन आयो रे।
सुनील जोगी
Poem on Rainy Season in Hindi – भीगा दिन
भीगा दिन
पश्चिमी तटों में उतर चुका है,
बादल-ढकी रात आती है
धूल-भरी दीपक की लौ पर
मंद पग धर।
गीली राहें धीरे-धीरे सूनी होतीं
जिन पर बोझल पहियों के लंबे निशान है
माथे पर की सोच-भरी रेखाओं जैसे।
पानी-रँगी दिवालों पर
सूने राही की छाया पड़ती
पैरों के धीमे स्वर मर जाते हैं
अनजानी उदास दूरी में।
सील-भरी फुहार-डूबी चलती पुरवाई
बिछुड़न की रातों को ठंडी-ठंडी करती
खोये-खोये लुटे हुए खाली कमरे में
गूँज रहीं पिछले रंगीन मिलन की यादें
नींद-भरे आलिंगन में चूड़ी की खिसलन
मीठे अधरों की वे धीमी-धीमी बातें।
ओले-सी ठंडी बरसात अकेली जाती
दूर-दूर तक
भीगी रात घनी होती हैं
पथ की म्लान लालटेनों पर
पानी की बूँदें
लंबी लकीर बन चू चलती हैं
जिन के बोझल उजियाले के आस-पास
सिमट-सिमट कर
सूनापन है गहरा पड़ता,
-दूर देश का आँसू-धुला उदास वह मुखड़ा-
याद-भरा मन खो जाता है
चलने की दूरी तक आती हुई
थकी आहट में मिल कर।
गिरिजा कुमार माथुर
Poetry on Rain in Hindi – बारिश जब आती है
बारिश जब आती है
ढेरो खुशिया लाती है
प्यासी धरती की प्यास बुझाती है
धुलो का उड़ना बंद कर जाती है
मिटटी की भीनी सुगंध फैलाती है
बारिश जब आती है
ढेरो खुशिया लाती है
भीषण गर्मी से बचाती है
शीतलता हमें दे जाती है
मुसलाधार प्रहारों से पतझड़ को भागाती है
बहारो का मौसम लाती है
बारिश जब आती है
ढेरो खुशिया लाती है
चारो ओर हरियाली फैलाती है
नदियों का पानी बढाती है
तालाबो को भर जाती है
बारिश जब आती है
ढेरो खुशिया लाती है
बारिश के चलते ही खेती हो पाती है
किसानो के होठो पे मुस्कान ये लाती है
रिमझिम फुहारों से सुखा मिटाती है
बारिश जब आती है
ढेरो खुशिया लाती है
मोरो को नचाती है
पहाड़ो में फूल खिलाती है
बीजो से नए पौधे उगाती है
बारिश जब आती है
ढेरो खुशिया लाती है
बारिश पर कविता – आसमान पर छाए बादल
आसमान पर छाए बादल
बारिश लेकर आए बादल
गड़-गड़, गड़-गड़ की धुन में
ढोल-नगाड़े बजाए बादल
बिजली चमके चम-चम, चम-चम
छम-छम नाच दिखाए बादल
चले हवाएँ सन-सन, सन-सन
मधुर गीत सुनाए बादल
बूँदें टपके टप-टप, टप-टप
झमाझम जल बरसाए बाद ल
झरने बोले कल-कल, कल-कल
इनमें बहते जाए बादल
चेहरे लगे हँसने-मुसकाने
इतनी खुशियाँ लाए बादल
Rains Poems in Hindi – बारिश का मौसम है आया
बारिश का मौसम है आया ।
हम बच्चों के मन को भाया ।।
‘छु’ हो गई गरमी सारी ।
मारें हम मिलकर किलकारी ।।
काग़ज़ की हम नाव चलाएँ ।
छप-छप नाचें और नचाएँ ।।
मज़ा आ गया तगड़ा भारी ।
आँखों में आ गई खुमारी ।।
गरम पकौड़ी मिलकर खाएँ ।
चना चबीना खूब चबाएँ ।।
गरम चाय की चुस्की प्यारी ।
मिट गई मन की ख़ुश्की सारी ।।
बारिश का हम लुत्फ़ उठाएँ ।
सब मिलकर बच्चे बन जाएँ ।।
Rain Poem in Hindi – बूँदें भागी, बूँदें दौड़ी
बूँदें भागी, बूँदें दौड़ी
निकली है बनठन के देखो
छाते और मुनिया की जोड़ी
बादल भरकर आए कहाँ से
यहाँ पे आके चुप्पी तोड़ी
मौसम है यह ठंडा-ठंडा
आओ खाएँ गरम कचौड़ी
मुझे ऐसा लगा अभी कि
बूँदें भागी, बूँदें दौड़ी …
Poem on Rainy Season in Hindi – काली घटा छाई है
काली घटा छाई है
लेकर साथ अपने यह
ढेर सारी खुशियां लायी है
ठंडी ठंडी सी हव यह
बहती कहती चली आ रही है
काली घटा छाई है
कोई आज बरसों बाद खुश हुआ
तो कोई आज खुसी से पकवान बना रहा
बच्चों की टोली यह
कभी छत तो कभी गलियों में
किलकारियां सीटी लगा रहे
काली घटा छाई है
जो गिरी धरती पर पहली बूँद
देख ईसको किसान मुस्कराया
संग जग भी झूम रहा
जब चली हवाएँ और तेज
आंधी का यह रूप ले रही
लगता ऐसा कोई क्रांति अब सुरु हो रही
छुपा जो झूट अमीरों का
कहीं गली में गढ़ा तो कहीं
बड़ी बड़ी ईमारत यूँ ड़ह रही
अंकुर जो भूमि में सोये हुए थे
महसूस इस वातावरण को
वो भी अब फूटने लगे
देख बगीचे का माली यह
खुसी से झूम रहा
और कहता काली घटा छाई है
साथ अपने यह ढेर सारी खुशियां लायी है
Poem on Rain in Hindi – वर्षा बहार सबके मन को लुभा रही है
वर्षा बहार सबके मन को लुभा रही है ।
उमड़-घुमड़ कर काले बदरा छा रहे है ।।
चपला भी चमक कर रोशनी बिखेर रहे है ।
गुड़-गुड़ कर के बादल भी गरज रहे है ।।
ठंडी-ठंडी हवा चल रही मन को भा रही है ।
बागों में लताओं पर फूल खिल रहे है ।।
मदमस्त मोर पीहू पीहू करके नाच रहा है ।
कोयल भी मस्त राग सुना रही है ।।
मेंढक भी प्यारे संगीत गा रहे है ।
बाज भी बादलों के ऊपर उड़ान भरकर इतरा रहा है ।।
कल कल करती नदियां, इठलाती हुई बह रही है ।
मानो कोई नया संगीत सुना रही है ।।
बागों में फूल खिल रहे, सुगंध मन को भा रही है ।
सावन में झूले पर झूल रही है बिटिया ।।
वर्षा बहार भू पर जीवन की ज्योति जला रही है ।
वर्षा बहार सबके मन को लुभा रही है ।।
नरेंद्र वर्मा
Rains Poems in Hindi – वर्षा आई बहार आयी
वर्षा आई बहार आयी,
प्रकृति ने अपनी कृपा बरसाई ।
पेड़ पौधों में हरे भरे रंगों में रंग कर अपनी खुशी दर्शाई ।।
वर्षा आई बहार आयी,
किसानों के लिए लहराती फसल का संकेत लाई ।
प्रेमियों के मन में प्रेम की ज्योत जलाई ।।
वर्षा आई बहार आयी,
मन आनंद से झूम उठा ।
वह प्रफुल्लित हो कर खुशियों से फूल उठा ।।
वर्षा आई बहार आयी,
जीवन का सारा दुख दर्द ना जाने कहां गुम हो गया ।
वर्षा आई बहार आयी ।।
विष्णु
Poetry on Rain in Hindi – रिमझिम रिमझिम बारिश आई
रिमझिम रिमझिम बारिश आई,
काली घटा फिर है छाई ।।
सड़कों पर बह उठा पानी,
कागज़ की है नाव चलानी ।।
नुन्नू-मुन्नू-चुन्नू आए,
रंग-बिरंगे छाते लाए ।।
कहीं छप-छप, कहीं टप-टप,
लगती कितनी अच्छी गपशप ।।
रिमझिम बारिश की फौहारें,
मन को भातीं खूब बौछारें ।।
बारिश की यह मस्ती है,
हो चाहे कल छुट्टी है ।।
अमृता गोस्वामी
बारिश पर कविता – नानी आज मुझे बतलाना
नानी आज मुझे बतलाना ।
कहां से आती वर्षा पानी ।।
सोच न पाओ समझ न पाओ ।
है वर्षा की यहां मनमानी ।।
ऊपर नीला आसमान है ।
सब है सूरज चांद सितारे ।।
पानी फिर यहां कहां से आया ।
समझ ना आई बात हमारे ।।
सूरज की किरणें धरती पर अपने संग गर्मी लाती ।
गर्मी जल को भाप बनाकर ।।
आसमान तक जा पहुंचाती ।
ऊपर आसमान में जाकर ।।
भाप से काले बादल बनते ।
उमड़-घुमड़ यह बादल ही ।।
खूब गरजते खूब बरसते ।
ऐसे ही पानी से बादल ।।
बादल से फिर बनता पानी ।
अब तो जान गई बिटिया तुम ।।
कहां से आती वर्षा पानी ।।
आश्रिता दासारी
Hindi Kavita On Rain
बारिश की बूंदें गिरती हैं,
मिट्टी की राहों में,
गहराईयों से निकलता है,
प्यार भरा एक संगीत।
आसमान से गीला होकर,
चमकता है सारा आलम,
बनाता है सब कुछ नया,
इस बारिश का समय।
बूँदों में छुपा है एक कहानी,
हर कोने से सुनी जाती है,
मिलता है सुकून दिल को,
बरसात की ये रातों में।
पत्तियों की नरमी में,
भिगती है ज़िन्दगी की कहानी,
हर बूँद से लिपटे हैं सपने,
हर बरसात में जागती है ख्वाबों की ज़मीन।
गिरती बूँदों से होता है,
एक पुराना सिलसिला,
बरसात की ये रिमझिम,
लाए हर दिल को हर्षीला।
आँधीयों के साथ आती है,
ये बरसात की सवारी,
हर कोने से गूंथती है,
खुशबूओं की मिठासी कहानी।
बारिश की बूंदें हैं मेरे दिल की बहुत करीब,
इसकी छाया में मिलता है,
रहने का एक अजीब-सा ठिकाना।
हर बूँद से निकलता है,
जीवन का सच,
बरसात की ये गीत,
हर दर्द को बदलता है एक खास मिठास।
इस बारिश की धुप में,
रंगीनी बनती हैं छाएं,
खुशियों का रंग,
बरसात में ही मिलता है दिल को बहुत भाएं।
बूँदों की मुस्कान में,
बसी है प्यार की बातें,
बरसात की रातों में,
दिल को होता है सुकून का सामर्थ्य।
बारिश की ये कहानी,
है जीवन का हिस्सा,
हर कोने से सुनी जाती है,
बरसात की ये खास धुन।
Hindi Poem On Rain
बरसात की रातों में,
बूँदों की चादर ओढ़ी,
बजता है सुकून भरा संगीत,
दिल को है खुशी भरी।
बारिश की बूंदों से,
मिट्टी को है सजीवानी,
हर बूँद में बसी है,
नई शुरुआत की कहानी।
बरसात के मौसम में,
हर पत्ता है नाचता,
बूँदों के साथ,
हर दिल को है बहुत सुरीला संगीत।
बारिश की ये मिठास,
लाए हर चेहरे पर मुस्कान,
बूँदों का खेल,
हर दिल को है मदहोश करने वाला अनुभव।
बरसात की रातों में,
चाँदनी बनी साथी,
बूँदों की धुप में,
हर कोने से है खुशियों की बातें।
बारिश की ये रौंगत,
है जीवन का सार,
बूँदों की मेले में,
हर दिल को है मिला सुकून भरा इज़हार।
बरसात की ये कहानी,
लिखती है हर दिल की तरह,
बूँदों का संगीत,
हर कोने से है लोगों के दिलों को छू जाता है।
Rain Kavita In Hindi
बरसात की बूंदों में,
छुपा है एक कहानी,
पत्तियों की राहों में,
गीला है ये सफर।
बारिश की ये रातें,
हैं जैसे सपनों का मेला,
बूँदों का संगीत,
हर दिल को है मिला।
आसमान से गिरती है,
मिट्टी की बाहों में,
बरसात की ये धुप,
है ख्वाबों की राहें।
बूँदों की चुप्पी में,
होता है सुनसान,
बरसात की रातों में,
हर कोने से है मिलना।
बारिश की ये खुशबू,
है सुगंधित किस्सा,
बूँदों की मेलों में,
हर दिल को है बहुत प्यारा इज़हार।
बरसात के इस मौसम में,
हर दिल को है बेहतरीन,
बूँदों का रंग,
हर रोज़ लाए नया अद्भुत शौर।
बारिश की बूंदों में,
है सजीवानी की मिठास,
बूँदों का संगीत,
हर दिल को है बहुत खास।
Kavita On Rain In Hindi
बारिश की बूँदों में,
छुपा है एक पुराना किस्सा,
पत्तियों के सरकने में,
है सपनों का सफर।
बरसात की ये रातें,
लाईं हैं नई बहार,
बूँदों का संगीत,
हर दिल को है प्यारा इज़हार।
आसमान से टपकती है,
एक अनमोल दृष्टि,
बरसात की ये गीत,
हर कोने से है मिलना।
बूँदों का मेला है,
सभी को संग लाने,
बरसात की रातों में,
हर दिल को है बहुत सुकून आने।
बारिश की राहों में,
खो जाता है सब कुछ,
बूँदों की खेल,
हर दिल को है मदहोश करने वाला।
बरसात की धुप में,
रंगी है सारा आलम,
बूँदों का संगीत,
हर कोने से है खुशियों की बातें।
बारिश की ये बातें,
हैं दिल की जुबान,
बूँदों की मिठास,
हर दिल को है बहुत प्यारा अनुभव।
Hindi Rain Kavita
बरसात की बूँदों में,
छुपी है एक खास मिठास,
पत्तियों की लहराहट में,
है एक नया सफर।
बारिश की ये बेहद,
है जीवन की राहें,
बूँदों की मिठास,
हर दिल को है बहुत खास।
आसमान से गिरती है,
इस जगह की रिहाई,
बरसात की ये बेहद,
है दिल को भाएं।
बूँदों की राहों में,
होता है एक संगीत,
बरसात की ये रातें,
हर कोने से हैं सजीव।
बारिश की ये छाएं,
हैं सपनों की मस्ती,
बूँदों की मेलों में,
हर दिल को है मिला सुकून की सर्गम।
बरसात की ये बातें,
हैं दिलों की कहानियाँ,
बूँदों का संगीत,
हर कोने से है मिलना।
बारिश की ये कहानी,
है जीवन का हिस्सा,
बूँदों की छांव,
हर दिल को है मिला बहुत खुशियों की दुल्हन।
Rain Poem In Hindi
बरसात की बूँदों में,
है एक खास सी बात,
पत्तियों की हर लहर में,
बसी है मिठास की बात।
बारिश की रातों में,
होती है सपनों की मुलाकात,
बूँदों का संगीत,
हर दिल को है बहुत सुन्दर याद।
आसमान से गिरती है,
मिट्टी की आगाही,
बरसात की ये राहें,
हैं जीवन की सवारी।
बूँदों की मिठास में,
है प्यार की धुप,
बरसात की ये मुस्कान,
हर दिल को है बहुत सुकून।
बारिश की ये बातें,
हैं दिलों की बातें,
बूँदों का मिलन,
हर कोने से है खुशियों की बहार।
बारिश की खुशबू में,
होती है मिलन की बहार,
बूँदों का संगीत,
हर दिल को है बहुत खास।
बरसात की ये बहारें,
हैं मिलन की राहें,
बूँदों का मेला,
हर कोने से है बहुत प्यारा संगीत।
Poem On Rain In Hindi
बरसात की रातों में,
गिरती है बूँदें सुनहरी,
पत्तियों की लहराहट में,
है ख्वाबों की कहानी।
बूँदों की मिठास से,
है भरा हर पल,
बरसात की ये रातें,
हर दिल को है बहुत प्यारा सफर।
आसमान से टपकती है,
मिट्टी की बाहों में,
बूँदों की मिठास,
हर राह को है सजीवानी।
बूँदों की धुप में,
रंगी है सारा जहां,
बरसात की ये गीत,
हर कोने से है सजीव।
बारिश की ये मिठास,
है सपनों की मल्लिका,
बूँदों का संगीत,
हर दिल को है मदहोश करने वाला।
बरसात के इस समय में,
हर दिल को है बेहतरीन,
बूँदों का रंग,
हर रोज़ लाए नया आनंद और उत्साह।
बारिश की ये बातें,
हैं दिलों की कहानियाँ,
बूँदों की छांव,
हर दिल को है मिला बहुत खुशियों की दुल्हन।
Conclusion:
In the symphony of nature’s rhythm, “Poems On Rain In Hindi” beautifully conclude, echoing the timeless charm of monsoons. These verses, like gentle droplets, celebrate the poetic dance of rain, leaving an indelible imprint of the Hindi language’s ability to evoke the magic and emotion of the rainy season.